डब्ल्यूएचओ ने इन 15 बीमारियों के खतरे से चेताया था

डब्ल्यूएचओ ने इन 15 बीमारियों के खतरे से चेताया था

सेहतराग टीम

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 2018 में ऐसी बीमारियों की लिस्ट तैयार की थी जो महामारी का रूप ले सकती हैं। इसके अलावा डब्ल्यूएचओ की इसी सलाह को एक किताब का रूप भी दिया गया था। इनमें से कई बीमारियों को हम देख भी चुके हैं।

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इबोला

यह भी कोविड-19 की तरह एक वायरस से फैलता है और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोग बीमार हो जाते हैं।  इबोला के जयादातर मामले अफ्रीका के गरीब इलाकों में हुए हैं।  

लस्सा बुखार

यह बुखार चूहों की वजह से फैलता है। दरअसल इंसान  चूहों के मल या मूत्र के संपर्क में आने से बीमार हो सकता है। बीमार व्यक्ति के शारीरिक द्रव से यह दूसरों में फैल सकता है।  बच्चों पर इसका ज्यादा बुरा असर होता है।

सीसीएचएफ

क्रीमियन कॉन्गो हेमोरहेजिक फीवर उन परजीवियों के काटने से होता है जो इंसानों, जानवरों या पक्षियों के शरीर पर रह कर उनका खून चूस कर जीते हैं। यह बीमारी भी इंसानों से इंसानों में फैलती है। मृत्यु दर बहुत ज्यादा होती है।

पीला बुखार

अर्बन येलो फीवर पीले बुखार की सबसे खतरनाक ब्रीड यानी किस्म है। हालांकि इसकी वैक्सीन इजात की जा चुकी है। इसलिए इसका खतरा बाकी बीमारियों की तुलना में कम है।

जीका

यह एक प्रकार बुखार है। यह एडीस मच्छर के काटने से होता है। गर्भवती महिलाओं में जीका होने से मां और बच्चे दोनों की जान को खतरा होता है। अभी तक इसका टीका उपलब्ध नहीं है।

चिकनगुनिया

यह बीमारी भी जीका बुखार की तरह एडीस मच्छर के काटने से ही फैलती है। रिहाइशी इलाकों में इसके फैलने का जोखिम ज्यादा होता है इस बीमारी के लक्षण डेंगू की तरह होते हैं। भारत में हर साल इसके कई मामले सामने आते हैं।

जानवरों से फैलने वाले फ्लू

इसमें एवियन और स्वाइन फ्लू शामिल हैं। 2009 में स्वाइन फ्लू को वैश्विक महामारी (पैंडेमिक) घोषित किया गया था। यह दुनिया भर में फैला था लेकिन कोरोना वायरस की तुलना में काफी कम मामले सामने आए थे।

मौसमी फ्लू

यह फ्लू हर साल मौसम के बदलने से होता है, जो वायरस की वजह से होता है। यह दो प्रकार का होता है। पहला ए और दूसरा बी। बड़ी उम्र के लोगों को इससे बचने के लिए सालाना टीका लेने के लिए कहा जाता है। 

फ्लू महामारी

अगर किसी ऐसे वायरस के कारण फ्लू होता है जिसके खिलाफ लोगों के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता का विकास नहीं हो पाता है तो वह वैश्विक महामारी की शक्ल ले सकता है। और बीमारी को समझने और टीका विकसित करने में काफी समय लग सकता है।

मंकी पॉक्स

यह उसी किस्म के वायरस के कारण फैलता है जिससे चेचक होता है। अपने नाम से विपरीत यह बंदरों से नहीं, चूहों के कारण फैलता है। जानवरों से इंसानों में पहुंचने के बाद इंसानों के बीच संक्रमण फैलने लगता है।

प्लेग

यह छोटे जानवरों में मिलने वाले बैक्टीरिया से फैलता है। जिनमें ज्यादातर मामलों में चूहे जिम्मेदार होते हैं। प्लेग की सबसे आम किस्म है ब्यूबोनिक प्लेग जो इंसान से इंसान में नहीं फैलता है।

लेप्टोस्पायरोसिस

फिलहाल मेडिकल एक्सपर्ट को भी इस बीमारी के बारे में काम जानकारी है। इसलिए अकसर डॉक्टर इसे पहचानने में गलती करते हैं। अगर वक्त रहते ही सही एंटीबायोटिक दिए जाएं तो इलाज मुमकिन है।

मेनिंगनाइटिस

मेनिंगोकोकल मेनिंगनाइटिस दिमाग पर असर करता है। इस बीमारी का मृत्यु दर 50 प्रतिशत है। एंटीबायोटिक दे कर इसे रोका ना जाए तो यह दूसरों में भी फैल सकती है।

मर्स

मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम एक तरह के कोरोना वायरस की वजह से होता है। यह बीमारी ऊंटों से फैलती है। 2012 से 2015 के बीच यह बीमारी 24 देशों में फैली और 400 लोगों की जान गई।

हैजा

गनदगीऔर गंदे पानी के कारण हैजा फैलता है। इसमें मरीज को बुखार नहीं होता बल्कि उसका पेट खराब होता है। दस्त से कमजोरी आ जाती है और कुछ मामलों में तो कुछ घंटों में ही जान चली जाती है।

 

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